मंगलवार, 18 अगस्त 2009
शारुख खान का अपमान
भारत की मिडिया ने कलाम साहब की जाँच को इतना टूल नही दिया ! तो क्या कारण है कीशारुख साहब को इतना तूल दिया जा रहा है ????????????????????
बुधवार, 5 अगस्त 2009
................विरासत........
आज हम चारो ओर कुछ नया करने की होड़ या यह कह ले कि आजादी के साठ साल बाद भी हम शायद मानसिक रूप से आजाद नही हो पाये है... तभी तो हमारी पुरानी विरासत जिससेहमारी पहचान है ... एक उदाहरण के तौर पर दस लोग अगर विभिन्न रास्त्रो के... तो हम भारतीय को उसके पहनावों से पहचान लेंगे......लेकिन वही भारतीय अगर पैंट शर्ट पहनता है तो हमारे लिए उसको पहचानना मुश्किलहोता है यानी हमने हमारी पहचान खो दी...... हम स्वयं कीपहचान खोकर क्या साबित करना चाहते है? हमारी पहचान हमारी विरासत है ... कागजो की आज़ादी से आज़ादी नही मिलती.....आज़ादी मन में होनी चाहिए... और ५४५ लोगो के हाथो की ताकत लोकत्रंत नही होती.........सही मायने में लोकत्रंत तभी होगा जब हम मन से आजाद होंगे....पहले हम गौरो के गुलाम थे आज हम खादी वालो के गुलाम है... और कुछ लोग इन खादी वालो के जैकारे लगाने वाले अपना सम्मान समझते है ... इन लोगो को आज अपनी विरासत अपनी आज़ादी का भान करना होगा ... आज चारो तरफ़ विदेसी बन्ने की होड़ है ... और हमे अपनी म्हणता का प्रमाण पत्र लेना पड़ रहा है इसका उदाहरण अभी हाल में अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा भारत एक महान देश है और इसे पूरे मीडिया जगत ने दिखाया और लिखा मैं आपसे बस एक प्रश्न पूछना चाहता हू कब तक हमें इन लोगो से प्रमाण पत्र लेना होगा?कैसे जिए और क्या करे?????
भारत बचाओ आपका अपना ब्लॉग है ... आपको मेरी पोस्ट कैसे लगी इस पर अपनी राय जरुर दे............................................
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गुरुवार, 30 जुलाई 2009
रिज़र्वेशन .........
रिज़र्वेशन बड़ा मीठा शब्द है ...... या यु कहें अमृत है.... जिसे मिले उसके लिए अमृत और जिसे न मिले उसके लिए जहर...... यह जहर आज रास्ट्र को घुट घुट कर मरने के लिए विवश कर रहा है.... इस रिज़र्वेशन का जिम्मेदार संविधान निर्माता भीम राव आंबेडकर को माना जाता है लेकिन यह रिज़र्वेशन अंग्रेजो की देन है ... १९०९ में मुस्लिमो को निर्वाचन में अलग से स्थान देने की बात भी रिज़र्वेशन की बात है .... १९१९ सिक्खों को भारत एक्ट में दिया ...१७ अगस्त १९३२ को दलितों को आखिर एक एक करके हर वर्ग को रिज़र्वेशन देने की यह मुहीम अंग्रेजो ने क्यों चालाई इसका सीधा अर्थ यह है भारतीय समाज को बाटना .....और एक हद तक वह इसमे सफल भी हुए...संविधान निर्माता आंबेडकर ने jaldbaaji कहें या आजादी की खुशी ..... अंग्रेजो की इस भावना को नही समझ पाये..........अंग्रेजो ने हमारे लिए जो सोची समझी साजिस के तहत किया वह हमने गलती के तौर पर किया .............दलितों को या जिस वर्ग को पिचादा कहा जाता है उसको आगे बढाने का मध्यम रिज़र्वेशन ही नही है क्युकी रिज़र्वेशन जाती के आधार पर है न की आर्थिक आधार पर ........आज की रिपोर्ट बताती है कई ब्रह्मण गरीबी के चलते बच्चो को नही पड़ा पा रहे है या अपना जीवन यापन नही कर पारहे है ....रिज़र्वेशन आर्थिक आधार पर होने की जरुरत है इसके लिए समय समय पर आवाजे भी उठाई गई परन्तु पार्टियों ने यह कहकर की किसी जाती में आर्थिक तौर पर मजबूत कौन है यह कैसे पता लागाया जाए इसका कोई पैमाना नही है ... इसके लिए हर १० वर्ष के बाद जन्गड़ना के साथ जातीय आधार पर ज्न्गड़ना होनी चाहिए..... क्युकी रिज़र्वेशन में आज एक नया सब्द क्रीमी लेयर जुदा है... जिसका अर्थ है मलाईदार परत ॥ इसके विसलेसन मैं नही जाना चाहूँगा पर इसके ऊपर नीचे कौन आते है यह जाने का विषय है ....
मंगलवार, 28 जुलाई 2009
प्यार की बदलती परिभाषा..........
समय बदला.....युग बदला..... पर क्या प्यार भी बदल गया........? यदि इतिहास में जाए तो प्रेम एक अच्छे उदाहरण मिलेंगे....... पर क्या यह उदाहरण काफ़ी नही है प्रेम को समझने के लिए.......... प्रेम के विषय में वैसे तो कई उदाहरन है पर कृष्ण और राधा का प्रेम एक अनूठा प्रेम है ..... दुनिया जानती है राधा और कृष्ण में प्रेम था ..... पर यह प्रेम कैसा था......? राधा कृष्ण की मामी थी राधा रायन की पत्नी थी और रायन यशोदा का भाई था .....तो राधा और कृष्ण के इस सम्बन्ध को जो की मामी और भांजे का सम्बन्ध था....फिर भी कितना पवित्र था.....? और आज का परिवेश प्रेम को कुछ और ही समझता है ... आज प्यार की परिभाषा बदल गई है ... यह परिभाषा क्या बन गई है???????????????
गुरुवार, 26 मार्च 2009
१५ वी लोक सभा के चुनाव.....
लोक सभा का आगाज शुरू हो चुका है.... सुषमा स्वराज को बीजेपी के द्वारा इस चुनाव में प्रभारी की कमान सोपे है... राज कुमार पटेल से उनकी सीधी टक्कर होने जा रही है ! इस चुनाव में उनका पलडा भरी नजर आता है!
सोमवार, 26 जनवरी 2009
ओबामा की ताजपोशी........
....... अमेरिका में ४४ वे रास्ट्रपति कार्यभार संभाल लिया है , अपने शपथ ग्रहण समारोह में ओबामा ने कहा है आर्थिक मंदी से देश को बाहर निकला ने में लंबा समय लग सकता है साथ ही ओबामा ने उसी को हाथ में लेकर सपथ ली जिस बिबिले पर कभी मार्टिन लूथर किंग ने सपथ ली थी
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